माना कि चाँद की तरह तुम मुझसे दूर हो
पर मेरी जिंदगी का तुम नूर हो|
जिस तरह चांद से शीतलता है
मेरा ये सख्त दिल तुम्हारे लिए ही पिघलता है|
तुम्हारी चेहरे की चमक के आगे चांद भी सादा हैं
पूर्णिमा का चांद भी आधा है|
एक ख्वाइश है छोटी सी
तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
चाँद हो या न हो, चांदनी रात होती
मैं तेरे साथ,तू मेरे साथ होती
चाँद का किरदार अपना लेते हम दोस्तो,
दाग अपने पास रखते और रौशनी बांटते हम दोनो
by Ipsa Roy
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