poem

Wo ladka ab badal gya h

Kuldeep Singh Rajpurohit Kuldeep Singh Rajpurohit June 22, 2023 | 1 minute
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Wo ladka ab badal gya h

कभी महफिलों में बैठनेवाला आज 9-5 में उलझ गया है
हर चीज़ खरीदने वाला, आज हर चीज़ का हिसाब सीख गया है।
सिर्फ तुमसे ही प्यार करता हूं कहने वाला, आज मां बाप की पसंद पर मर गया है।
कभी एक कॉल पर हर बवाल में आने वाला, आज दोस्तों के घर भूल गया है।
बहनों को बातों से रूला देने वाला, आज उसकी हर समस्या का समाधान बन गया है।
कभी पिता से अनबन करने वाला, आज पिता का साया बन गया है।
हालत ए जिंदगी ने ऐसा बना दिया ए दिल, हा वो लड़का अब बदल गया है।

Kuldeep Singh Rajpurohit
by Kuldeep Singh Rajpurohit
Kuldeep is a 2021 batch student of Government Medical College, Ratlam

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