poem

Mohabbat

Ajit Pal Ajit Pal July 21, 2023 | 1 minute
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Mohabbat

क्या खूब कहा है मुहब्बत ने
होता नहीं वख्त बर्बाद कभी
खुदसे मुहब्बत करने में
एक तुम ही तो हो,
एक तुम ही तो हो
जो ज़िन्दगी के बदले में
खुदसे मुहब्बत करते हो।

खुदसे मुहब्बत करलो किसी और की ज़रूरत नहीं पडे़गी
कितना सहज लगता है ये लफ्ज़ है ना?
खुदसे मुहब्बत करलो किसी और की ज़रूरत नहीं पडे़गी
कितना सहज लगता है ये लफ्ज़ है ना?
पर गौर फरमाया है इसपर कभी
जिसे मुहब्बत न हुई कभी खुदसे,
जिसे मुहब्बत न हुई कभी खुदसे
उसकी खामियां सिर्फ किसी और की मुहब्बत ही सवार सकती,
उन खामियों को अपूर्णता नहीं
अपनी खूबसूरती बतला सकती।।

Ajit Pal
by Ajit Pal
Can't contain the craze of fine arts!!

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