poem

Who am I?

Akanksha Singh Gaur Akanksha Singh Gaur March 25, 2023 | 1 minute
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Who am I?

मैं शून्य हूॅं या हूॅं इकाई ?
क्या तूफानों से डर जाऊॅंगी मैं
या और निखर जाऊॅंगी मैं ?
क्या शिखर छू पाऊंगी मैं 
या नील गगन में उड़ जाऊॅंगी मैं?
क्या बीच मझधार में कश्ती डूब जाएगी मेरी या पतवार बन समंदर भी लांघ जाऊॅंगी मैं? 
क्या जिंदगी के इंतिहान मुझे भयभीत कर देंगे या अभिमन्यु सरी चक्रव्यू भेद जाऊॅंगी मैं?
क्या स्याह रात का अंधकार घेर लेगा मुझे    
या अमावस में पूनम सी चांदनी बिखेर जाऊॅंगी मैं ?
मैं शून्य हूॅं या हूॅं इकाई ?

Akanksha Singh Gaur
by Akanksha Singh Gaur
When I'm not procrastinating, I like to read novels and binge shows or maybe that's how I procrastinate.
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