Posts in the Section: Poem
December
आखिरी महीने में सिर्फ़ साल नहीं जाता चला जाता है वो पल जिसे बहुत संभालना चाहा चला जाता है वो लम्हा जिसे बहुत भुलाना चाहा चला जाता है किसी का अपना , किसी का अपनापन ये आखिरी महीना भी न बहुत कुछ ले जाता है
poem by Sakshi VermaNew year wish for my fellow medicos
Another year is gone; it’s finally past. It sometimes seemed a grind, sometimes a blast. In the New Year, let’s resolve to get less stressed, upset, anxious about things over which we have no control. Another year, another chance To start our lives anew;
poem by Ipsa RoyEvery Daughter's Hero
Our dad’s are so less expressive so I decided to write A
poem which explains every father’s emotions for their
daughter.
Nari Kahan Hai
अक्ल बाटने लगे विधाता, लंबी लगी कतारी । सभी आदमी खड़े हुए थे, कहीं नहीं थी नारी।। सभी नारियाँ कहाँ रह गई, था ये अचरज भारी । पता चला ब्यूटी पार्लर में, पहुँच गई थी सारी ।। मेकअप की थी गहन प्रक्रिया एक एक पर भारी । बैठी थीं कुछ इंतजार में, कब आएगी बारी ।।
poem by Nitish AdawadkarSeasons through out the life
So my autumn had just begun, With all leaves already fallen and heart sunken, I lost my favourites whether be my love or uncle, Started walking on the cold ice, All numb with no hope prevailing inside, Being all lifeless what winter might damage,
poem by Muskan Shahस्वाधीनता
सर्वत्र पराधीनता के शोषण का था रव
चिंगारी था 1857 का विप्लव ।
गाँधी का भारत आगमन,
फिर सविनय अवज्ञा और असहयोग से
प्रशासनिक व्यवस्था का दमन ।
Hyperconnected Loneliness
Sometimes I get lonely
Instagram, Twitter, Facebook
Always connecting but not connected
Nari Ki Kya Pehchan Hai?
Ye haal is jahaan ka hai, ki mard srf yhaa ka hai
Mahatv nari shakti ki na koi yhaa pehchanta hai
Jo aadesh suna diya yhaa vhi sabhi ko manna hai
Nari k astitv ko nhi koi pehchanta hai
Being Woman
Rise against enormity, Fight for equity.
Don’t be helpless in front of shameless devil, in this world full of evil!
White Savior
Med-school is very challenging they say, Yet every student to reach here pray All the hardships for a common goal. To become a doctor with a pure soul, Humungous syllabus that is hard to learn. With assessments frequently that return,
poem by Divy SharmaDard m kya ashk kya alfaaz
दर्द तो हमें भी हो रहा था उस वक्त, फ़क़त फ़र्क़ सिर्फ़ इतना सा है कि, उन्होंने लफ़्ज़ों से, और हमने आँखों से बहा दिया।
poem by Prateek GoyalLove and Time
Love is an emotion we feel too quick.
Time is what we need, this is the trick.
Happy Doctors Day
कोई सरहदें नहीं उम्र की, मोहब्बत में हर शख्स जवा हैं
मायूस दिलों का रुख पलट दे, ऐसी मोहब्बत की हवा हैं
हमारी तो मोहब्बत भी हमारे पेशे से हैं जनाब….
जिसकी मोहब्बत हर मर्ज की दवा हैं
Hum doctor hein, Janab
दर्द को तुम्हारे क्रूरता से देखना भी बताते हैं दर्द को तुम्हारे भावुकता से समझना भी बताते हैं हम डॉक्टर हैं जनाब हमें सब सिखाते हैं तुम्हें बेहोश कर के होश में लाना बताते हैं दवाइयों की कड़वाहट में जीवन की मिठास समझाते हैं
poem by Sakshi VermaBharatiya beti ke sapne
नमक खाया जिस देश का अब उसके लिए सपने सजाना चाहती हूं इस जननी मातृभूमि का कर्ज आखिर मैं भी चुकाना चाहती हूं। खेल लिया, कूद लिया लिपटकर इसके सो लिया अब इस धरा पर उद्योग मैं विकसित करना चाहती हूं।
poem by Akshara DoshiWo ladka ab badal gya h
कभी महफिलों में बैठनेवाला आज 9-5 में उलझ गया है हर चीज़ खरीदने वाला, आज हर चीज़ का हिसाब सीख गया है। सिर्फ तुमसे ही प्यार करता हूं कहने वाला, आज मां बाप की पसंद पर मर गया है। कभी एक कॉल पर हर बवाल में आने वाला, आज दोस्तों के घर भूल गया है।
poem by Kuldeep Singh RajpurohitYou are not what you look like
You are not what you look like. You’re the music you listen to, the shows you watch, the art you make, the flowers in your hair & the warmth of your favourite blanket. You’re not the pimple on your nose or pudge on your tummy.
poem by Neha Chourasiyaचांद और तुम
माना कि चाँद की तरह तुम मुझसे दूर हो पर मेरी जिंदगी का तुम नूर हो| जिस तरह चांद से शीतलता है मेरा ये सख्त दिल तुम्हारे लिए ही पिघलता है| तुम्हारी चेहरे की चमक के आगे चांद भी सादा हैं
poem by Ipsa RoyI Love My Country
With Himalayas in the north Indian ocean in the south Arabian sea in the west Bay of Bengal in the east. I love my nation With developed culture And beautiful sculpture The people have no rest To do their work best.
poem by Ipsa RoyWhere Everything Unites
You divide the world,
in black and white.
But did you ever consider the grey,
where everything unites?
The Sound of Silence
The words that are spoken,
the emotions that are not.
The biggest truths that we write,
but the secrets that only remain an ink blot.
Who am I?
मैं शून्य हूॅं या हूॅं इकाई ? क्या तूफानों से डर जाऊॅंगी मैं या और निखर जाऊॅंगी मैं ? क्या शिखर छू पाऊंगी मैं या नील गगन में उड़ जाऊॅंगी मैं? क्या बीच मझधार में कश्ती डूब जाएगी मेरी या पतवार बन समंदर भी लांघ जाऊॅंगी मैं?
poem by Akanksha Singh GaurYaachak nahi h tu
याचक नहीं है तू,याचना ना कर भाग्यवाद कुछ नही,कर्म प्रखर कर। जीवन रण है चुनौतियां रणभेरिया है। विपदाएं शत्रु सम है, पर तेरे साहस के सम्मुख कठपुतलियां भर हैं। ना ललाट ना हस्थरेखा में,विपदा के स्वतः समाधान का आवाह्न कर,
poem by Vijay Parmar