Stories by Prateek Goyal
Dard m kya ashk kya alfaaz
दर्द तो हमें भी हो रहा था उस वक्त, फ़क़त फ़र्क़ सिर्फ़ इतना सा है कि, उन्होंने लफ़्ज़ों से, और हमने आँखों से बहा दिया।
poem by Prateek Goyalदर्द तो हमें भी हो रहा था उस वक्त, फ़क़त फ़र्क़ सिर्फ़ इतना सा है कि, उन्होंने लफ़्ज़ों से, और हमने आँखों से बहा दिया।
poem by Prateek Goyal