Stories by Divyesh Singh Malviya
स्नेह डोर
इंदौर में विजयनगर का पॉर्ष इलाका, बड़ा नीला पुता घर और वहा से आती रोने की आवाजें। यूं तो अकेले रहने वाली उमला जी को मिलने आन का वक्त किसी औलाद के पास नहीं था,आज उनके इस बेजान शरीर के इर्द-गिर्द लोग का ताँता लगा था। आस पास जो लोग उन्हें जानते थे,अम्मा कहकर बुलाया करत थे। बच्चे विदेश से माॅं के अंतिम संस्कार की औपचारिकता पूरी करन आ चुक थे।
fiction by Divyesh Singh Malviya