Vijay Parmar

Vijay Parmar

Vijay is a 2022 batch student of Government Medical College, Ratlam.

Stories by Vijay Parmar

स्वाधीनता

सर्वत्र पराधीनता के शोषण का था रव
चिंगारी था 1857 का विप्लव ।
गाँधी का भारत आगमन,
फिर सविनय अवज्ञा और असहयोग से
प्रशासनिक व्यवस्था का दमन ।

poem by Vijay Parmar

Yaachak nahi h tu

याचक नहीं है तू,याचना ना कर भाग्यवाद कुछ नही,कर्म प्रखर कर। जीवन रण है चुनौतियां रणभेरिया है। विपदाएं शत्रु सम है, पर तेरे साहस के सम्मुख कठपुतलियां भर हैं। ना ललाट ना हस्थरेखा में,विपदा के स्वतः समाधान का आवाह्न कर,

poem by Vijay Parmar